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जासूसी कांड में फंसने वाला DRDO का साइंटिस्ट कौन है, जानें सबकुछ

पुणे में डीआरडीओ के एक साइंटिस्ट को गिरफ्तार किया गया है। साइंटिस्ट पर एक पाकिस्तानी एजेंट को गोपनीय जानकारी देने के आरोप है। साइंटिस्ट प्रदीप कुरुलकर को महाराष्ट्र एटीएस ने गिरफ्तार किया है। मामला हनीट्रैप से जुड़ा हुआ है। कुरुलकर डीआरडीओ में कई अहम पदों पर रह चुके हैं।

नई दिल्ली : देश की सुरक्षा में सेंध लगाने की पाकिस्तान की एक और कोशिश की खबर हैं। महाराष्ट्र एटीएस ने इस मामले में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के लिए काम करने वाले एक साइंटिस्ट को गिरफ्तार किया है। इस साइंटिस्ट पर एक पाकिस्तानी एजेंट को गोपनीय जानकारी देने का आरोप है। एटीएस के अनुसार साइंटिस्ट कथित तौर पर वाट्सएप और वीडियो कॉल के जरिए पाकिस्तान खुफिया कर्मियों के एक एजेंट के संपर्क में था। एटीएस के अनुसार यह पाकिस्तान की तरफ से हनीट्रैप का मामला है। आरोपी साइंटिस्ट की पहचान प्रदीप कुरुलकर के रूप में हुई है। एटीएस सोर्स की तरफ से इसकी पुष्टि की गई है। जानते हैं कौन हैं डीआरडीओ के साइंटिस्ट प्रदीप कुरुलकर।

आकाश टीम से जुड़े रहे हैं साइंटिस्ट
प्रदीप कुरूलकर डीआरडीओ के प्रमुख प्रणाली इंजीनियरिंग लैब, रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेबलिशमेंट के डायरेक्टर रहे हैं। प्रदीप कुरुलकर ने आकाश ग्राउंड सिस्टम्स के लिए प्रोजेक्ट लीडर और सिस्टम मैनेजर के रूप में भी काम किया है। वह आकाश टीम के प्रमुख सदस्य रहे हैं। प्रदीप ने आकाश लॉन्चर्स और मिशन-क्रिटिकल ग्राउंड सिस्टम्स के डिजाइन, विकास और उत्पादन में प्रमुख भूमिका निभाई है। अग्नि परियोजना के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रूप में, उन्होंने लॉन्चर्स और ग्राउंड सिस्टम के सड़क और रेल एडिशन के डिजाइन और डेवलपमेंट का संचालन किया है।


1988 में DRDO से जुड़े थे

प्रदीप कुरुलकर ने 1985 पुणे इंजीनियरिंग कॉलेज से फर्स्ट क्लास में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद साल 1988 में डीआरडीओ के लड़ाकू वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, पुणे में जॉइन किया था। टीम लीडर और लीड डिज़ाइनर के रूप में कुरूलकर ने निर्भय सबसोनिक क्रूज मिसाइल सिस्टम के लिए मिसाइल लॉन्चर्स सहित कई सैन्य इंजीनियरिंग प्रणालियों और उपकरणों के सफल डिजाइन, विकास और डिस्ट्रीब्यूशन में एक प्रमुख और अग्रणी भूमिका निभाई है। वे प्रहार, क्यूआरएसएएम, एक्सआरएसएएम, हाइपरबेरिक चैंबर और मोबाइल पावर सप्लाई और हाई प्रेशर न्यूमेटिक सिस्टम में भी अहम भूमिका अदा की है।

कई पुरस्कारों से सम्मानित हैं कुरुलकर

पीएम कुरूलकर को साल 2000 में सर्वश्रेष्ठ प्रकाशन के लिए विज्ञान दिवस पुरस्कार मिल चुका है। उन्होंने साल 2002 में आत्मनिर्भरता में उत्कृष्टता के लिए डीआरडीओ अग्नि पुरस्कार, आकाश के लिए 2008 में पथ-प्रवर्तक अनुसंधान/उत्कृष्ट प्रौद्योगिकी विकास के लिए डीआरडीओ पुरस्कार भी मिल चुका है। साल 2016 में MRSAM के लिए प्रदर्शन उत्कृष्टता के लिए और 2016 में DEMA द्वारा प्रौद्योगिकी की उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। कुरुलकर इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), इंडियन नेशनल सोसाइटी फॉर एयरोस्पेस एंड रिलेटेड मैकेनिज्म (INSARM) के लाइफटाइम मेंबर, फ्लूइड पावर सोसाइटी ऑफ इंडिया (FPSI) के सदस्य और रोबोटिक्स सोसाइटी ऑफ इंडिया के मेंबर हैं। साथ ही वह इंस्टीट्यूट ऑफ स्मार्ट स्ट्रक्चर्स एंड सिस्टम्स (ISSS) के लाइफटाइम सदस्य हैं।

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